आइए, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की मुलाक़ात
लीजिये दुनिया की सबसे ऊंची
माननीय प्रधानमंत्री की स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के मुलाक़ात की झलक
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के परिसर मेंकैक्टस उद्यान एक अद्वितीय वनस्पति उद्यान है। यहां कैक्टस की एक विशाल विविधता को प्रदर्शित करने का हेतु है। कैक्टस तो विश्वभर मे अनुकूलन के उत्तम उदाहरण के रूप मे जाने जाते हैं।
कैक्टस एक आकर्षक पौधा है। जिसके आकार और परिमाण मे ढेर सारी विविधताएं नजर आती हैं। ये पौधे आमतौर पर रसीले होते हैं और बेहद कठोर वातावरण का सामना कर सकते हैं। यह पौधेपृथ्वी के सबसे शुष्क स्थानों मे से एक ऐसे अटकामा के रेगिस्तान मे भी पाए जाते हैं।
भारत में रिवर राफ्टिंग एक लोकप्रिय खेल और एक मनोरंजक गतिविधि के रूप मे उभर रही है। तेज़ी से बहते पानी और अस्थिर रैपिड्स से गुजरने का अनुभव ऐसा है की हर साहसिक इसका आनंद उठाना चाहते है। पर्यटकों को नर्मदा नदी पर रिवर राफ्टिंग से इस पानी के साहसिक खेल का अनुभव करने का एक शानदार अवसर मिलेगा।
श्री नरेन्द्र मोदी,
माननीय प्रधान मंत्री

श्री भुपेन्द्रभाई पटेल,
माननीय मुख्य मंत्री, गुजरात
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी |
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, १८२ मीटर

स्टेच्यू ऑफ यूनिटी
भारत
१८२ मीटर

स्प्रिंग टेम्पल बुद्ध
चीन
१५३ मीटर

उशीकु दैबुत्सु
जापान
१२० मीटर

स्टेचू ऑफ लिबर्टी
अमेरीका
९३ मीटर

धी मधरलैंड कॉल्स
रूस
८५ मीटर

क्राइस्ट धी रिडीमर
ब्राज़िल
३८ मीटर
विविधता में एकता भारत की विशेषता का एक प्रशंसापत्र

वास्तुकला और ऐतिहासिक स्मारकों ने प्राचीन काल से भारत को अपनी अनूठी पहचान दी है। ऐतिहासिक अजंता-ईलोरा की गुफाओं से लेकर माउन्टआबू के देलवाड़ा मंदिर तक और ताजमहल से लेकर मदुरई के मीनाक्षी मंदिर तक भारतीय वास्तुकला की भव्यता और श्रेष्ठता देखते ही बनती है। वर्तमान में स्टैच्यू ओफ यूनिटी विश्व का सबसे ऊँचा एवं रचनात्मक स्मारक है। नर्मदा नदी के किनारे सरदार सरोवर बांध के सम्मुख इस विशाल स्मारक का निर्माण किया गया है। यह स्मारक का निर्माण भारत के “लौहपुरुष” के स्मृति में किया गया है, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम और उसके बाद रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह स्मारक समग्र विश्व को अखंड भारत के एकीकरण के नेता के के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल का सदैव स्मरण कराएगा।
यह हमारे ‘लौहपुरूष’ की दूरदर्शिता एवं कौशल्य ही था कि जिससे 562 छोटी और बड़ी रियासतें सर्वसम्मति से भारत का अभिन्न हिस्सा बनने के लिए सहमत हुईं। यह स्मारक हमारी एकता एवं मूल्यों का प्रतीक है। यह आधुनिक आकृतिकारों की बहतरीन रचनाओ मे से एक है और पर्यटकों के लिए सर्वोत्कृष्ट्ता का भी उत्तम उदारहरण है। दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा एक ऐसा अभियांत्रिक चमत्कार है, जिसका निर्माण केवल 46 महीनों मे किया गया है।
अपनी प्रतिबद्धता और अभियान के लिए जाने जाते सरदार पटेल ने सभी रियासतों को कूटनीति एवं शांतिपूर्ण उपायों के अलावा जरूरत पड़ने पर कठोर कदम उठाने की भी चेतावनी दी थी।
यह प्रभावशाली ऐतिहासिक स्थल सरदार पटेल को उनके भारत को एक करने के योगदान के लिए श्रद्धाअंजलि देता है। केवल इतना ही नही, यह स्मारक प्रादेशिक परिवहन सुधार एवं विस्तार, संशोधन संस्थान, शिक्षा एवं आदिवासी विकास, पर्यटन सुविधाएं और सामाजिक विकास में अहम भूमिका निभाता है।
और उन्होंने कहा कि....


