Now, it will be mandatory for all visitors visiting the Statue of Unity & other tourist attractions to wear masks and follow COVID Protocols of the Govt. Please note : " No entry without Masks "

यहाँ पर क्या देखें

  • 1.स्टैच्यू ऑफयूनिटी, प्रदर्शनी हॉल / संग्रहालय और वॉल ऑफ यूनिटी
  • 2. लेज़र लाइट एंड साउंड शो
  • 3. वैली ऑफ़ फ्लावर्स की सैर
  • 4. सरदार सरोवर बांध
  • 5. नौका विहार
  • 6. ऐतिहासिक शूलपणेश्वर अभयारण्य और मंदिर
  • 7. जरवानी इको-टूरिज़्म एरिया में ट्रेकिंग
  • 8. बर्ड वॉचिंग
  • 9. खरीददारी

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व का सबसे ऊंचा स्मारक है जिसकी ऊंचाई 182 मीटरहै।

स्टैचू ऑफ यूनिटी के भूतल पर एक विशाल प्रदर्शनी कक्ष का निर्माण किया गया है। यह कक्ष 4,647 वर्ग मीटर क्षेत्र मे फैला हुआ है। यह कक्ष सरदार पटेल के जीवन, स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश शासन के खिलाफ उनके योगदान और रियासतों के विलीनीकरण मे उनकी भूमिका को दर्शाता है। शूल पणेश्वर वन्यजीव अभयारण्य, गुजरात के आदिवासी लोगों के जीवन और संस्कृति और सरदार सरोवर बांध को एक ऑडियो-विजुअल शो के माध्यम से यहां प्रदर्शित किया गया है।

किसान परिवार मे पैदा हुए सरदार पटेल भारत के एक असाधारण नेता थे। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किसानों के अधिकारों के लिए कई सफल अभियानों का नेतृत्व किया था। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पण करने हेतु किसानों से मिट्टी इकट्ठा करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया गया था। लगभग 169,058 गांवों से मिट्टी एकत्र कर एक दीवार (36 फीट x 12 फीटकी वॉल ऑफ यूनिटी) बनाई गई है। दीवार भारत की विविधता मे एकता का प्रतिनिधित्व करती है।

सोमवार के अलावा प्रतिदिन शाम को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर लेज़र तकनीक का उपयोग कर एक लाइट एंड साउंड शो का आयोजन किया जाता है। रंगीन लेज़र प्रकाश व्यवस्था द्वारा सरदार पटेल के जीवन इतिहास, स्वतंत्रता आंदोलन एवं एक राष्ट्र के रूप मे भारत के निर्माण मे उनके योगदान को शानदार वर्णन के साथ प्रदर्शित किया जाताहै।

वैली ऑफ़ फ्लावर्स 600 एकड़ मे फैली हुई है। वैली की लंबाई विंध्याचल की ओर से 6 किलोमीटर और सतपुड़ा की ओर से 11 किलोमीटर है। वर्ष 2016 में 48,000 पौधों के साथ शुरु की गई फूलोंकीयह घाटीआज 2,400,000 पौधों तक विस्तृत हो गई है। घाटी मे थीम पार्क उद्यानों के रूप मे पांच अनूठी रचनाएं हैं: गार्डन ऑफ सेन्स एंड पंचतत्व गार्डन, ग्रीन एनर्जी एंड अपसाइक्लिंग पार्क, सरदार पार्क, बटरफ्लाई गार्डन और एडवेंचर पार्क।

यहां से पर्यटक यात्रा की यादों को अपने साथ सहजकर वापस ले जा पाए ईस हेतु कई फोटो बूथ और सेल्फी पॉइंट का भी निर्माण किया गया है। दो सुंदर कमल तालाब भी पर्यटकों के मजेदार अनुभवों मे बढ़ावा करते हैं।

हिमाचल प्रदेश मे भाखड़ा बांध (226 मीटर) और उत्तर प्रदेश के लखवार बांध (192 मीटर) के बाद सरदार सरोवर बांध भारत का तीसरा सबसे ऊँचा कंक्रीट बांध (163 मीटर) है।

युनाईटेड स्टेट्स ओफ अमरिका मे 8.0 मिलियन घन मीटर की क्षमतावाला ग्रांड कुली डैम है। उसके बाद गुरुत्वीय बांधों में कंक्रीट की मात्रा के संदर्भ मे, इस बांध को 6.82 मिलियन घन मीटर के साथ समग्र विश्व मे दूसरा स्थान दिया गया है।

85,000 घन मीटर प्रति सेकंड (3 मिलियन घन फुट प्रति सेकंड) की अपनी स्पिलवे डिस्चार्जिंग क्षमता वाला यह बांध दुनिया मे तीसरे स्थान पर है। चीन का गजेन्बा (113,000 घन मीटर प्रति सेकंड) और ब्राज़ील का तुकुर्री (100,000 घन मीटर प्रति सेकंड) बांध विश्वमें क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर हैं।

इसका जलाशय 37,000 हैक्टर के क्षेत्र मे फैला हुआ है। और इस जलाशय मे पानी का रैखिक फैलाव 214 किलोमीटर और औसतन चौड़ाई 1.77 किलोमीटर है। सरदार सरोवर बांध का पूर्ण जलाशय स्तर (FRL) RL 138.68 मीटर (455 फीट) तय किया गया है।

रिवर बेड पावर हाउस भूमिगत बिजली घर है जो बांध के लगभग 165 मीटर नीचे स्थित नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। इस मे 200 मेगावॉट की क्षमता वाले छह फ्रांसिस प्रकार के रिवर्सेबल टरबाइन जनरेटर हैं।

गोडबोले गेट सरदार सरोवर बांध से वापस नर्मदा नदी मे पानी छोड़ता है। और, इस प्रकार से यह गेट नीचे की ईको-सिस्टम को बनाए रखने मे मदद करता है।

मुख्य नहर का हेड रेगुलेटर 82.6 मीटर लंबा ऑफ-टेकिंग स्ट्रक्चर है। जिसमें 12.20 मीटर x 13.50 मीटर के पांच रेडियल गेट का भी समावेश होता है। यह दुनिया की सबसे बड़ी कंक्रीट-लाइन वाली सिंचाई नहरों मे से एक ऐसी 458 किलोमीटर लंबी नर्मदा मुख्य नहर का उद्गम है। इस नहर की क्षमता 40,000 घन फीट / प्रति सेकंड है। प्रति वर्ष 11.7 बिलियन घन मीटर पानी इस नहर के माध्यम से पहुँचाया जाता है।

प्रायद्वीप की पश्चिम की ओर बहने वाली सबसे बडी नदी नर्मदा है। मध्य प्रदेश के अमरकंटक पहाड़ श्रृंखला के पास इसका उद्गम स्थान है और यह अरबसागर मे जाकर मिलती है।

नर्मदा नदी पर बांध के ऊपर पर्यटक नाव की सवारी का लुफ्त उठा सकते हैं। एक घंटे की नाव की सवारी के दौरान पर्यटक महाराष्ट्र की सीमा तक जाकर आते हैं।

शूलपणेश्वर वन्य अभयारण्य 607.70 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र मे फैला हुआ है। इस मे राजपीपला पहाड़ियों के पृष्ठ्भूमि मे एक प्रमुख वाटरशेड शामिल है जोह दो मुख़्य जलाशयों के पानी का स्रोत है। यहां का घना जंगल न केवल अंतहीन हरियाली प्रदान करता है, बल्कि विभिन्न प्रकार के जीवों को प्राकृतिक आवास भी प्रदान करता है। इसका नाम भगवान शिव के ऐतिहासिक मंदिर से प्रेरित होकर“ शूलपणेश्वर” रखा गया है। यह मंदिर प्राचीन समय मे नर्मदा नदी के तट पर इस क्षेत्र में हुआ करता था।

इस अभयारण्य की वन्यसृष्टि मे सदैव हरे रहनेवाले जंगलों के साथ ही पतझड़ी जंगलो का समावेश होता है। यहाँ टिमरू, आंवला, खैर, अरिठा, सदद, तनच, करंज, बांस, महुदा, बोर, हरड़, अमलतास आदि फूल-पौधों की 575 से अधिक प्रजातियां हैं। अभयारण्य मे 32 प्रजाति के सस्तन एवं सरीसृप प्राणी हैं। 198 प्रकार के पक्षी और भालू, तेंदुआ, रीसस मैकाक, आम मोंगोज़, भारतीय सिवेट बिल्ली, भारतीय दलिया, चार सींग वाले मृग, भौंकने वाले हिरण, चीतल, पैंगोलिन, उड़ने वाली गिलहरी, अजगर, साँप, छिपकली, कछुए आदि अनेक प्रकार के प्राणी भी यहाँ पाए जाते हैं।  अभयारण्य मे उड़ने वाली दुर्लभ गिलहरी भी देखने मिलती है।

मूल शूलपणेश्वर मंदिर सरदार सरोवर जलाशय के कारण डूब गया था। हालाँकि, बाद मे राजपीपला के पास एक नया शूलपणेश्वर मंदिर बनाया गया। जिन्हों ने अपने हाथों मे यानि “पाणि” मे “शूल” या त्रिशूल को धारण किया है ऐसे भगवान शिव को यहां “शूलपनेश्वर”के नाम से जाना गया है।

सरदार सरोवर बांध से राजपीपला 36 किलोमीटर दूर है। यह कभी एक रियासत का केंद्र था और अपने महलों के लिए प्रसिद्ध था। ये महल भोजपुरी फिल्मो की शूटिंग का पसंदीदा स्थान हैं।

चाणोद मंदिरों का शहर है। यह नर्मदा, ओरसंग और सरस्वती नदी के संगम पर स्थित है। मंदिरो की वजह से चाणोद को पवित्र माना जाता है। यहां पर्यटक काशीविश्वनाथ महादेव का मंदिर और उसका प्रमुख आकर्षण यानि मंदिर की दिलचस्प दीवार पेंटिंग्स को निहार सकते है।

गरुड़ेश्वर यहां के गरुड़ेश्वर महादेव के मंदिर लिए प्रसिद्ध है। भगवान शिव का यह प्राचीन मंदिर राजपिपला शहर के पास एवं नर्मदा नदी के उत्तरी तट पर स्थित है। यह लगभग 2,000 सालपुराना मंदिर है। भगवान शिवने आसुरी शक्तियों का नाश करने हेतु गरुड का रूप धारण किया था, इस प्राचीन कथा के चलते इसका नाम गरुड़ेश्वर रखा गया है।

कर्णाली अपने कुबेर भंडारी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर लगभग 2,500 सालपुराना है। इस मंदिर मे भगवान शिव को कुबेर भंडारी के रूप मे पूजा जाता है।

गुजरात मे नर्मदा नदी की सहायक नदी पर स्थित करझन बांध 903 मीटर लंबा और 100 मीटर ऊंचा कंक्रीट का गुरुत्वीय बांध है। यह बांध सिंचाई प्रोजेक्ट्स के लिए 630 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी संगृहीत करने की क्षमता रखताहै। करझन बांध राजपीपला शहर से 10 किलोमीटर की दूरी पर है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर आनेवाले पर्यटकों के लिए नाईट ट्रेकिंग एक रोमांचक गतिविधि है। नाईट ट्रेकिंग के द्वारा पर्यटक प्रकृति के और समीप पहुँचता है। इसके अलावा यह प्रवृत्ति पर्यटक को केवडियाकी वन्यसृष्टि और जीवसृष्टि को रात्रि मे देखने एवं अनुभव करने का अवसर प्रदान करती है। वनविभाग के साथ जुडकर पर्यटक रात्रि के समय पैदल ट्रेकिंग का लुत्फ़ उठा सकते हैं।

विंध्याचल और सतपुड़ा पर्वतमाला के संगम पर जंगल के कुछ सबसे सुंदर दृश्यों का भी आनंद ले सकते हैं। नर्मदा के पवित्र जलसे फलित हुई यह जंगल सृष्टि शूल्पणेश्वर वन्यजीव अभयारण्य की भव्यता का प्रतीकहै।

ट्रेकिंग के दौरान प्रकृति के अनदेखे सौंदर्य के अलावा निशाचरों की सृष्टि का रोमांचक अनुभव होगा। ट्रेकिंग के दौरान वनविभाग के गार्ड्स सदैव आप के साथ रह कर आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।

अपने प्राकृतिक आवास मे जी रहे पक्षियों को देखना ही बर्ड वॉचिंग कहलाता है। 20वी सदी मे काफ़ी प्रसिद्ध और विकसित हुआ यह शौक वैज्ञानिक मायने भी रखता है।

भारत अपनी प्राकृतिक एवं भौगोलिक परिस्थितिओं के कारण दुनियाभर के पक्षियों का पसंदीदा स्थान है। भारतके पक्षियों को उनके प्राकृतिक वातावरण मे देखने का आनंद लेने के लिए बर्ड वॉचिंग से अच्छा कोई और तरीका नहीं हो सकता।

स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के पास शूलपणेश्वर सेंचुरी एक ऐसा स्थान है जो बर्ड वॉचिंग मे रूचि रखने वालों को एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है। घने जंगल और नर्मदा नदी के बहाव के साथ यह पक्षियों को प्राकृतिक निवास स्थान प्रदान करता है। क्रेस्टेड सर्प ईगल, शिकारा, स्पैरो हॉक, ग्रेट-हॉर्न उल्लू, ग्रे हॉर्नबिल, लाल और ग्रे जंगल फॉल्स और अनूठे प्रकार के पक्षियों की इस जंगल में भरमार है।

बर्ड वॉचिंग टूर आपको शानदार प्राकृतिक परिदृश्यों से भी रु-ब-रु करवाता है। आप इन खूबसूरत पक्षियों की आवाज का भी यहां अनुभव कर सकते हैं।

पर्यटक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अंदर स्थित सोवेनियर शोप से कैप, टी-शर्ट, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिकृति आदिखरीदकर अपनी यात्रा की कई यादें अपने साथ ले जा सकते हैं।

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