जुलाई 05 – रियासतों के साथ समझौता वार्ता के लिए एक मंत्रालय बनाया गया।सरदार को इस मंत्रालय के मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई। अल्प समय मे सरदार ने रियासतों को ठहराव समझौता और परिग्रहण लेखपत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमत कर लिया। इस तरह भारत के इतिहास में पहली बार भारत को एक राष्ट्र की तरह एक शासन प्रणाली मे लाने में वे कामयाब हुए।
अगस्त 15 – भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की, और सरदार को गृह मंत्री और उपप्रधानमंत्री बनाया गया।
अक्टूबर 26 को महाराजा हरिसिंह ने कश्मीर को भारतीय संघ मे सम्मिलित कर दिया और सरदार पटेल ने भारतीय सेना को कश्मीर भेजा।
नवंबर 9 जूनागढ़ विवाद
जूनागढ़ मामले को संयुक्त राष्ट्र संगठन मे ले जाने की लॉर्ड माऊंटबेटन की सलाह को अनदेखा करते हुए सरदार ने भारत सरकार को जूनागढ़ को सम्मिलित करने के लिए सहमत किया।
नवंबर 13 सोमनाथ मंदिर की यात्रा
सरदार ने सौराष्ट्र मे सोमनाथ मंदिर की यात्रा की और लोक निधि से उसके पुननिर्माण का निर्णय लिया।