Now, it will be mandatory for all visitors visiting the Statue of Unity & other tourist attractions to wear masks and follow COVID Protocols of the Govt. Please note : " No entry without Masks "

परियोजना की विशेषताएं

भारत के लौह पुरुष के सम्मान और स्मरण मे साधु-बेट पर 182 मीटर ऊंची प्रतिमा अर्थात् स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया गया है। विंध्याचल और सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य मे निर्मित इस स्मारक के आसपास वेली ओफ फ्लावर्स, शूल्पणेश्वर अभयारण्य और मंदिर, सरदार सरोवर ओर बांध, दर्शनीय झरवाणी झरना और राजपीपला के शानदार महल जैसे कई अन्य आकर्षक पर्यटन स्थल हैं। मनोरम्य पृष्ठभूमि मे स्थित यह भव्य स्मारक अपने आप मे ही पर्यावरण-पर्यटन के लिये एक उत्तम स्थल है।

गुजरात सरकार ने माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता मे “सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट’ (SVPRET)” को स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी के निर्माण का कार्य सौंपा था। SVPRET ने सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड (SSNNL) के अंतर्गत इस परियोजना एवं स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण से संबंधित सभी गतिविधियों को पूर्ण किया है।

गुजरात के मुख्य मंत्री के नेतृत्व वाली उच्चाधिकार प्राप्त संचालक कमेटी एवं गुजरात राज्य के मुख्य सचिव के नेतृत्व के अंतर्गत अन्य वरिष्ठ सचिवों के साथ गठित की गई कार्यकारी समिति इस परियोजना से संबंधित विभिन्न निर्णयों के प्रति जागरुक रहती हैं।

SVPRET ने इस संपूर्ण परियोजना के लिए टर्नर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मीन्हर्दित इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एवं मिशेल ग्रेव्स एण्ड एसोसिएट्स संस्था को संयुक्त रूप से पीएमसी (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट) नियुक्त किया था। इस संयुक्त समिति के कई सदस्यों ने दुनिया की कुछ सबसे ऊंची रचनाओं के निर्माण में अपना सहयोग दिया है। जिसमें दुबई का बुर्ज खलीफा भी शामिल है।

SSNNL की प्रबंधन टीम और उसके इंजीनियरों ने विश्व के सबसे ऊँचे कॉन्क्रीट बांध

भारत की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग और निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो को परियोजना की आकृति, इंजीनियरिंग, सामग्री खरीद, निर्माण, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

विश्व प्रसिद्ध एवं पद्मभूषण मूर्तिकार श्री राम वी. सुतार को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के लिए मूर्तिकार के रूप मे नामित किया गया था। श्री सुतार ने पिछले 40 वर्षों मे 40 से अधिक स्मारकीय मूर्तियां बनाई हैं।

वर्ष 2013-14 के दौरान भारत के कईं गांवों को इस परियोजना में सम्मिलित करने हेतु ‘लोहा अभियान’ आयोजित किया गया था। प्रतिष्ठित परियोजना के लिए स्वैच्छिक योगदान के रूप मे देश भर के किसानों के द्वारा इस्तेमाल किए गये कुल 169,078 कृषि उपकरण और मिट्टी के नमूने लोहा अभियान के तहत एकत्रित किए गए थे। इस `लोहा अभियान’ को विश्व के सबसे बड़े सामाजिक अभियानों मे से एक माना जाता है। इस अभियान के तहत समग्र राष्ट्र के गाँवों से 134.25 मेट्रिक टन लोहा प्राप्त किया गया था। इस लोहे को 109.17 मेट्रिक टन वजन की मजबुत पट्टियों में परिवर्तित किया गया और स्मारक के निर्माण में उसका उपयोग किया गया। देश के विभिन्न हिस्सों से एकत्रित की गई मिट्टी से प्रतीकात्मक “वॉल ऑफ यूनिटी” का निर्माण किया गया है।

सरदार पटेल की स्वाभाविक और प्रेरणादायक छवि के रूप मे स्टैच्यू ओफ यूनिटी का निर्माण किया गया है। यह स्मारक उनके लाक्षणिक वस्त्र, मुद्रा, गरिमा, आत्मविश्वास, दृढ़ इच्छाशक्ति और दयालुपन को दर्शाता है। स्मारक का कांस्य आवरण प्रतिमा को विशेष एवं नयनरम्य बनाता है। प्रतिमा के निर्माण के लिए अत्याधुनिक सर्वेक्षण तकनीक जैसे लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (LIDAR) और टेलीस्कोपिक लॉगिंग का इस्तेमाल किया गया।

इस राष्ट्रीय स्मारक के निर्माण मे लगभग 70,000 मेट्रिक टन सीमेंट, सुदृढ़ीकरण हेतु 18,500 मेट्रिक टन सलाखें और 6,000 मेट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील का उपयोग किया गया था। 22,500 वर्ग मीटर के सतह क्षेत्र को लगभग 1,700 मेट्रिक टन कांस्य से आवरित किया गया ।

  • सरदार पटेल के जीवन और कार्य पर एक प्रदर्शनी
  • स्मारक से स्मरणिय दश्य
  • आतिथ्य और मनोरंजन
  • लेज़र लाइट एवं साउंड कार्यक्रम

The Statue of Unity offers a unique experience and education to visitors. The museum at the base of the statue has modern audio-visual systems for an inspiring insight into the life and work of Sardar Vallabhbhai Patel.

Visitors to this exhibition can learn about Sardar’s unforgettable contribution to the Indian Independence Movement and the unification of India.

An observation deck at the height of 135 metres to accommodate 200 people at a time, offers a panoramic view of the beautiful Vindhyachal and Satpuda Mountain ranges, the 214 kilometre long Sardar Sarovar Reservoir and the 12 kilometre long Garudeshwar Reservoir.

Together with providing food, accommodation and visitor facilities to tourists, the hospitality and entertainment projects in the vicinity of the statue are helping in realising the potential of tourism and generating employment for the local people.

The project encompasses restaurants and recreational spots to make the area an attractive tourist destination, thus facilitating tourism and employment in the surrounding tribal region.

A mesmerising laser light and sound show celebrates the unification of India after Independence. This must-see show is held every evening except Monday, instilling a feeling of pride and national unity whilst depicting Sardar Patel’s vision for India.

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