लोहा अभियान

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण भारत के लौह पुरुष के साहस को नमन करने हेतु किया गया है। सरदार के समर्पण और प्रतिबद्धता से ही अखंड भारत का निर्माण हुआ। उस व्यक्तित्व के लिए जिसने किसानों के लिए कई आंदोलन किएथे।यह तय किया गया कि उन किसानों को भी इस आयोजन मे शामिल किया जाए। किसानों के पास से उनके द्वारा उपयोग मे लिए गए औजार और सामग्री कादान करने की अपील की गई। इस लोहे का उपयोग सरदार की प्रतिमा के निर्माण मे किया जाएगा यह किसानों को बताया गया। गुजरात सरकार की इस ‘लोहा अभियान’ की पहल ने किसानों को उनके नेता सरदार पटेल के साथ सफलता से जोड़ा। स्टैच्यू के इस प्रतिष्ठित परियोजना के लिए देशभर के किसानों से उपयोग किए गए कुल 169,078 कृषि उपकरण और मिट्टी के नमूने स्वैच्छिक योगदान के रूप में एकत्र किए गए थे। इस लोहे को पिघलाकर सुदृढ पट्टियों मे परिवर्तित कर स्मारक के निर्माण मे उनका उपयोग किया गया। देश के विभिन्न हिस्सों से एकत्रित की गई मिट्टी का उपयोग प्रतीकात्मक “वॉल ऑफ यूनिटी” बनाने के लिए किया गया है।